हमें 21 घंटे से बंधक बनाया

नई दिल्ली। जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी (जेएनयू) के बायोटेक्नोलॉजी में पढ़ने वाले छात्र नजीब की गुमशुदगी का मुद्दा गरमाता जा रहा है। इस बीच जेएनयू के वीसी एम जगदीश कुमार ने आरोप लगाया है कि उन्हें 21 घंटे से बंधक बना रखा गया। वहीं एबीवीपी का दावा है कि नजीब जेएनयू में ही कहीं छिपा है। जेएनयू के वीसी एम जगदीश कुमार ने संवाददाता सम्मेलन में कहा, “हमें उम्मीद है कि नजीब अहमद जल्द वापस लौट आएंगे। इसके लिए कई कदम उठाए गए हैं। हम नजीब अहमद के लापता होने पर चिंतित है, पुलिस से बात की है, लेकिन मेरा और अन्य अधिकारियों का घेराव करना गलत है। मेरे साथ बीमार लोगों को भी 21 घंटे से बंधक बनाया गया । छात्र नहीं माने तो एक्शन लिया जाएगा।“
उन्होंने कहा कि वह छात्रों से बहुत बार बात कर चुके हैं और नजीब अहमद को वाइस चांसलर ने कहा कि ये बहुत ही अलोकतांत्रिक काम है। जिन अधिकारियों को यहां कैद किया गया है, उन्होंने कल से कुछ खाया नहीं और लोग फ्लोर पर सोने के लिए मजबूर हैं। हम लोगों ने छात्र को खोजने के लिए जांच बैठा दी है। कल करवाचैथ का फास्ट था और हमारे दो अफसरों की पत्नी आई थीं, पर उनको भी इमारत में आने नहीं दिया गया। अगर बातचीत बेकार जाती है तो पुलिस की मदद लेनी पड़ेगी।
दरअसल एमएससी बायोटेक्नोलॉजी में पढ़नेवाले छात्र नजीब अहमद के लापता होने पर हंगामा मचा हुआ। 6 दिनों से लापता नजीब की गुमशुदगी को लेकर जेएनयू के छात्रों ने वाइस चांसलर सहित यूनिवर्सिटी प्रशासन के 10 लोगों को बुधवार शाम से बंधक बना रखा है। सभी अब भी एडमिन ब्लॉक में कैद हैं। हालांकि छात्र नेता विश्वविद्यालय के अधिकारियों को बंधक बनाने से इनकार कर रहे हैं।
इससे पहले 15 अक्टूबर को नजीब और कुछ छात्रों में झगड़ा हुआ था। आरोप के मुताबिक एबीवीपी के छात्रों ने कुछ बाहरी लोगों के साथ मिलकर नजीब के साथ मारपीट की और जान से मारने की धमकी दी। आरोप है कि उसी के बाद से छात्र नजीब गायब है। हालांकि एबीवीपी इन आरोपों से इनकार कर रही है। इस बीच केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने इस मामले को लेकर दिल्ली के पुलिस कमिश्नर आलोक वर्मा से बात की है। दिल्ली पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है और नजीब का पता बताने वाले के लिए 50 हजार रुपय के इनाम का भी ऐलान किया है।
वहीं, जेएनयू छात्र संघ के अध्यक्ष मोहित पांडेय ने कहा कि हमने जेएनयू के प्रशासनिक भवन में किसी को अवैध रूप से बंधक नहीं बनाया। बिजली और दूसरी सभी तरह की आपूर्ति जारी है। हमने भीतर खाना भेजा है। दूसरी तरफ, पुलिस विश्वविद्यालय परिसर के बाहर मौजूद है और अंदर दाखिल होने के लिए विश्वविद्यालय प्रशासन की अनुमति का इंतजार कर रही है।