1400 crore plan approved
देहरादून। 1400 crore plan approved मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने भारत सरकार द्वारा राज्य के 16 शहरी क्षेत्रों के लिए 1400 करोड़ रूपए की योजना को स्वीकृति देने पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केंद्रीय वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण का आभार व्यक्त किया है।
उन्होंने कहा कि इससे राज्य के शहरी क्षेत्रों में अवस्थापना विकास खासतौर पर पेयजल, सीवरेज, ड्रेनेज, सड़क, ट्रांसपोर्ट, आईसीटी संबंधी काम तेजी से होंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री जी का उत्तराखंड पर विशेष ध्यान है।
आल वेदर रोड, ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना, भव्य नई केदारपुरी, सहकारिता विकास परियोजना के बाद अब शहरी क्षेत्रों के लिये परियोजना को मंजूरी उत्तराखंड के विकास के लिए बड़ी देन है।
राज्य सरकार भी नए भारत के अनुरूप नए उत्तराखंड के लिए पूरी गम्भीरता से काम कर रही है। देहरादून को स्मार्ट सिटी बनाने के लिए योजनाबद्ध तरीके से काम चल रहा है।
मंजूरी भारत सरकार के आर्थिक कार्य विभाग द्वारा दी गई
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने बताया कि उत्तराखंड के 16 मध्यम श्रेणी के नगर निकायों में विभिन्न अवस्थापना विकास कार्यों के लिए तैयार परियोजना ‘‘मध्यम श्रेणी के नगर निकायों में शहरी अवस्थापना विकास (अर्बन इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवेलपमेन्ट आफ सेकेन्डरी टाऊन)’’ के पहले चरण के लिये 1400 करोड़ रूपये (200 मीलियन अमेरिकी डालर) की मंजूरी भारत सरकार के आर्थिक कार्य विभाग (DEA) द्वारा दी गई है।
पहले चरण में देहरादून के डोईवाला व विकासनगर, पिथौरागढ़ और ऊधम सिंह नगर के काशीपुर व रुद्रपुर में 24 X7 पेयजल, अपशिष्ट जल प्रबन्धन, बरसाती जल प्रबन्धन, शहरी सड़कें, यातायात और पार्किंग वैंडिंग जोन, सूचना संपर्क तकनीकी और ओपन स्पेस जैसे कार्य किए जायेंगे।
इसके अतिरिक्त दूसरे चरण में छः जिलों (चमोली, पौड़ी, चम्पावत, अल्मोड़ा, बागेश्वर, उधम सिंह नगर) के ग्यारह नगर निकायों (गोपेश्वर, जोशीमठ, श्रीनगर, टनकपुर, चम्पावत, अल्मोड़ा, बागेश्वर, किच्छा, खटीमा, जसपुर, सितारगंज) में भी 1400 करोड़ रूपये से समान कार्य किये जाने प्रस्तावित हैं।
परियोजना के अन्तर्गत प्रदेश के कुल 9 जिलों के 16 नगरों में पेयजल, सीवरेज, ड्रेनेज, सड़क, ट्रांसपोर्ट, आई0सी0टी0 आदि कार्य कुल दो चरणों में प्रस्तावित हैं। जिसकी अवधि 10 वर्ष रहेगी। जिसकी कुल प्रस्तावित लागत 2800 (400 मीलियन अमेरिकी डालर) करोड़ रूपये हैं।
केन्द्रांश तथा राज्यांश की 80:20 की हिस्सेदारी रहेगी
परियोजना के लिए केन्द्रांश तथा राज्यांश की 80:20 की हिस्सेदारी रहेगी। यह परियोजना एशियन इन्फ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट बैंक द्वारा वित्त पोषित है तथा परियोजना का नियमनध्क्रियान्वयन शहरी विकास विभाग के अन्तर्गत गठित उत्तराखंड शहरी क्षेत्र विकास एजेंसी द्वारा किया जायेगा।
परियोजना के अन्तर्गत नगरों में स्वचालित स्काडा तकनीक के द्वारा चैबीस घंटे पानी की सुविधा प्राप्त होगी, घरों में पेयजल मीटर लगाये जायेंगे ताकि पानी के अपव्यय को कम किया जा सके।
सुरक्षित, स्वच्छ और स्वस्थ पर्यावरणीय परिस्थितियों को बनाये रखने के लिए अपशिष्ट जल प्रबन्धन किया जायेगा। बरसाती पानी के प्रबन्धन हेतु विकास कार्य किये जायेंगे वहीं सड़कों व पार्किंग का निर्माण कर यातायात प्रबन्धन का कार्य भी किया जायेगा।
छोटे फुटकर व्यापारियों के लिए वैन्डिंग जोन का निर्माण किया जायेगा। नियमित स्थानीय निकाय सुदृढ़ीकरण तथा सशक्तिकरण के लिए सूचना संचार तकनीकी का उपयोग किया जायेगा। इस सब अवस्थापना विकास कार्यों के फलस्वरूप नगरीय अर्थव्यवस्था में सुधार होगा तथा नागरिक विकास स्तर भी सुदृढ़ होगा।
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