लखनऊ । लखनऊ मेट्रो रेल कॉपोरेशन (एलएमआरसी) ने राजधानी में मेट्रो के निघ्र्माण के लिघ्ए यूरोपियन बैंक से लोन लिया है। इस लोन को लौटाने के लिए प्रदेश सरकार सीजी (चक गंजरिघ्या) सिघ्टी में 150 एकड़ जमीन देगी। इस जमीन का व्यापारिक उपयोग करके मेट्रो इस लोन को चुकायेगी।
लखनऊ मेट्रो के एक वरिष्ठ अधिकारी ने गुरूवार को बताया कि लखनऊ विकास प्राधिकरण को मुख्घ्यमंत्री अखिलेश यादव 150 एकड़ जमीन देने के लिए पहले ही निर्देश दे चुके हैं। अब 24 अक्घ्टूबर को होने वाली बोर्ड की बैठक में इस प्रस्ताव को पेश किया जायेगा। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री के निर्देश के बावजूद अब तक एलडीए ने सीजी सिटी में मेट्रो को जमीन नहीं दी है। इसकी एक वजह यह है कि एलडीए इस जमीन के बदले मेट्रो से पैसे चाहता है,जबकि शासन ने उन्हें ये जमीन निरूशुल्क देने को कहा है।
अधिकारी ने बताया कि अब मेट्रो का ट्रायल एक दिसंबर को है। इस लिए 24 अक्घ्टूबर को बोर्ड बैठक में यह प्रस्ताव आने की संभावना है। बैठक में आवासीय से कॉमर्शियल प्लॉट करने का भी प्रस्ताव रखा जाएगा। दरअसल करीब 70 ऐसे लोग हैं जिन्होंने अपना प्लॉट आवासीय से कॉमर्शियल करने के लिए अप्लीकेशन दी है।
गौरतलब है कि सीजी सिटी की 150 एकड़ भूमि का कॉमर्शियल उपयोग कर मेट्रो विदेशी बैंक का लोन चुकायेगी। मेट्रो रेल परियोजना को पीआईबी की मंजूरी इसी शर्त पर मिल रही है कि मेट्रो चलाने के लिए श्फाइनेंशियल इंटरनल रेट ऑफ रिटनर्स श्मेट्रो को तय करना होगा।