भारत और म्यांमार के बीच तीन समझौतों पर हस्ताक्षर

नई दिल्ली । भारत और म्यांमार के बीच बुधवार को तीन समझौते ज्ञापन पर हस्ताक्षर हुए। इनमें उर्जा के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने, बैंकिग और म्यांमार के बीमा क्षेत्र में शैक्षिक एवं व्यावसायिक निर्माण कार्यक्रम की डिजाइन के लिए समझौता शामिल है।
भारत दौरे पर आईं म्यांमार की स्टेट काउंसलर आंग सान सू ची के साथ द्विपक्षीय वार्ता के बाद यहां जारी बयान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि सू ची भारत के लोगों के लिए अजनबी नहीं है।
उन्होंने कहा, “घनिष्ठ एवं मैत्रीपूर्ण पड़ोसी के रूप में भारत और म्यांमार के सुरक्षा हित आपस में जुड़े हुए हैं। दोनों ही देश इस बात पर सहमत हुए कि अपनी सीमाओं पर सुरक्षा सुनिश्चित करने और एक दूसरे के रणनीतिक हितों के प्रति संवेदनशीलता से हमारे दोनों देशों के हित पूरे होंगे। एक आधुनिक, सुरक्षित, आर्थिक रूप से समृद्ध और बेहतर राष्ट्र बनने के लिए भारत और उसकी दोस्ती म्यांमार के साथ हमेशा है”।
श्री मोदी ने बताया कि सू ची के साथ द्विपक्षीय बैठक में आपसी हित के कई मुद्दों पर बातचीत हुई। इसमें कलादान और त्रिपक्षीय राजमार्ग जैसी परियोजनाएं, मानव संसाधन विकास के क्षेत्र में परियोजनाएं, स्वास्थ्य सेवा, प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण शामिल हैं, जिसमें भारत म्यांमार के साथ अपने संसाधनों और विशेषज्ञता साझा कर रहा हैं। भारत म्यांमार की सरकार और वहां के लोगों के लिए लगभग 1.75 अरब अमरीकी डॉलर की सहायता दे रहा है। उन्होंने कहा कि बैठक में कृषि, बिजली, नवीकरणीय ऊर्जा और बिजली क्षेत्र सहित कई क्षेत्रों में संबंध बढ़ाने पर दोनों देशों के बीच सहमति बनी है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि बीज की गुणवत्ता में वृद्धि करने के लिए भारत म्यांमार में एक बीज उत्पादन केंद्र की स्थापना करेगा। दालों में व्यापार के लिए एक पारस्परिक रूप से लाभप्रद व्यवस्था विकसित करने के लिए काम करेंगे। मणिपुर में मोरेह से लेकर म्यांमार में तमु तक हमने बिजली की आपूर्ति बढ़ाने की की पेशकश की है। इसके अलावा म्यांमार की सरकार द्वारा नामित एक पायलट एलईडी विद्युतीकरण परियोजना में भारत भागीदार  बनेगा। ऊर्जा के क्षेत्र में हुए सहयोग  इस क्षेत्र में हमारे संबंधों को आगे बढ़ाएगा।
इस मौके पर सू ची ने कहा कि हमने हमेशा ही दुनिया में सबसे बड़ा लोकतंत्र होने के लिए भारत की प्रशंसा की है। हमें भरोसा है कि हम चुनौतियों का सामना करने में सक्षम है। समय आ गया है कि हम कह सकें की हां हम कर सकते हैं।