रुद्रपुर/देहरादून। पुलिस महानिदेशक मनेपंडा अपया गणपति ने कहा कि निष्पक्ष होकर विधानसभा चुनाव कराना पुलिस की पहली प्राथमिकता है। चुनाव में शराब परोसने वालों को सलाखों के पीछे किया जाएगा। बाजपुर जैसी घटना की पुनरावृत्ति हुई तो जिले के कप्तान से लेकर थानेदार तक नपेंगे। किसी को बख्शा नहीं जाएगा। अवैध खनन रोकने में नाकाम रहने वाले पुलिस कप्तानों के खिलाफ भी विभागीय कार्रवाई की जाएगी। डीजीपी ने कहा कि चुनाव के दौरान कानून व्यवस्था बनाए रखना पुलिस की जिम्मेदारी है। पुलिस महानिदेशक एमए गणपति ने कहा कि बाजपुर में नामांकन जुलूस के दौरान हुई पफायरिंग की घटना की जांच कराई जा रही है।
हालांकि काशीपुर की एएसपी कमलेश उपाध्याय के साथ बाजपुर के सीओ और कोतवाल को हटा दिया गया है, लेकिन इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति को रोका जाएगा। यदि इस तरह की घटना दोहराई गई तो पुलिस अपफसरों के खिलाफ कार्रवाई होना तय है। उन्होंने पुलिस कप्तानों को निर्देश दिए हैं कि यदि जनसभा, रैली, चुनाव प्रचार के दौरान कोई लाइसेंसी शस्त्र लेकर आता है तो उसका लाइसेंसी हथियार जब्त कर लिया जाए। ऐसे लोगों के खिलाफ विधि सम्मत कार्रवाई भी की जाए। गणपति ने कहा कि चुनाव के दौरान शस्त्र लाइसेंस निलंबित हैं इसलिए लाइसेंसी शस्त्र घर में रखना या फिर साथ लेकर चलना अपराध की श्रेणी में आता है। पुलिस उन लोगों को करेगी जिन्होंने शस्त्र जमा नहीं कराए हैं।
ऐसे लोगों पर भी कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं। डीजीपी गणपति ने कहा कि अवैध खनन की शिकायत मिलने पर सीधे पुलिस कप्तान जिम्मेदार होंगे। यदि जांच में शिकायत सही पाई जाती है तो पुलिस कप्तान के खिलाफ भी कार्रवाई होगी। चुनाव में शराब और रुपये बांटने वालों पर पुलिस को नजर रखनी है। यदि किसी प्रत्याशी के समर्थक गली मोहल्लों में शराब परोसते हैं तो उसके लिए पहली जिम्मेदारी थानेदार की और दूसरी पुलिस कप्तान की होगी। डीजीपी ने कहा कि विधानसभा चुनाव में पुलिस को निष्पक्ष रहना ही नहीं है बल्कि निष्पक्ष नजर भी आना होगा। डीजीपी ने उन पुलिसकर्मियों के पीछे गुप्तचर लगाएं हैं जिनके संबंध राजनीतिज्ञों से हैं और वे चुनाव को प्रभावित करने की कोशिश कर सकते हैं। ऐसे पुलिसकर्मियों के प्रकाश में आने पर उनका निलंबन तय है।