आईएसएल: गोवा के खिलाफ बेहतर रिकार्ड के कारण पुणे का मनोबल ऊंचा

नई दिल्ली । इंडियन सुपर लीग (आईएसएल) फुटबाॅल टूर्नामेंट के तीसरे सीजन में गुरुवार को बालेवाडी स्पोट्र्स काम्पलेक्स में मेजबान एफसी पुणे सिटी का सामना बीते साल के उपविजेता एपफसी गोवा से होगा। यह मुकाबला तीसरे सीजन की दो फ़्रांसिसी  टीमों के बीच है।
एफसी पुणे सिटी ने जहां अब तक छह में से दो मैच गंवाए हैं, वहीं तीन मैच ड्राॅ रहे। एक में उसे जीत मिली। यह टीम छह अंकों के साथ आठ टीमों की तालिका में सातवें स्थान पर है। गोवा की हालत इससे भी खराब है।गोवा को सात में से पांच मैचों में हार मिली है। उसका एक मैच ड्राॅ रहा जबकि एक में उसे जीत मिली। यह टीम आठवें स्थान पर है।
इस मैच से पहले पुणे के कोच एंटोनियो हाबास का मनोबल ऊंचा है क्योंकि बतौर कोच हाबास और जीको के बीच अब तक कुल सात मैच हुए हैं और चार में हाबास की जीत हुई है। जीको तीन सीजन से गोवा के साथ बने हुए हैं जबकि हाबास इससे पहले दो सीजन तक एटलेटिको दे कोलकाता के कोच रह चुके हैं।
पुणे के लिए अच्छी खबर यह है कि यह टीम गोवा के खिलाफ अपने घर में कभी नहीं हारी है। इन दोनों के बीच बालेवाडी में दो मुकाबले हुए। एक में पुणे की जीत हुई जबकि एक मैच ड्राॅ रहा। ऐसे में हाबास चाहेंगे कि यह रिकार्ड न टूटे और उनकी टीम जीत के साथ पूरे तीन अंक हासिल करे।
वैसे आईएसएल-3 में पुणे का अब तक का सफर अच्छा नहीं रहा है। उसे लगाता चार मैचों के बाद भी जीत नहीं मिली है। उसके खाते में सिर्फ छह अंक हैं और आईएसएल इतिहास में उसकी अब तक की सबसे खराब शुरुआत है।
हाबास हालांकि इसे लेकर चिंतित नहीं हैं। हाबास ने कहा, फ् मुझे याद है कि बीते सीजन में चेन्नयन एफसी की शुरुआत काफी खराब रही थी। उसने कई मैच गंवाए थे। हमारे मार्की खिलाड़ी अक्टूबर के पहले सप्ताह में आए और पूरी टीम 90 फीसदी नई है।
एपफसी गोवा की शुरुआत तो और भी खराब रही। पहले सीजन में गोवा के पास पहले चरण की समाप्ति तक केवल पांच अंक थे लेकिन इसके बावजूद वह सेमीफाइनल में जगह बनाने में सफल रहा था। सेमीफाइनल में हालांकि उसे कोलकाता के हाथों हार मिली थी। उस समय कोलकाता के कोच हाबास थे। यही कारण है कि इस बार भी जीको कई चीजों के लेकर कापफी सकारात्मक हैं। वैसे वह मानते हैं कि आज के हालात अलग हैं। जीको ने कहा-हमारी स्थिति थोड़ी पेचीदा हो गई है। हमें अब सात में से पांच मैच जीतने होंगे। तब जाकर हम प्लेआपफ की दौड में बने रह सकेंगे।
ऐसा नहीं है कि गोवा की टीम इस सीजन में खराब खेली है। हां, वह अपने सामने आए मौकों को भुनाने में नाकाम रही है। देखने वाली बात है कि गोवा ने इस सीजन में अपने विपक्षी टीम के खिलाफ अब तक 67 शाट्स लगाए हैं लेकिन प्रयासों को गोल में बदलने का उसका औसत बेहद खराब रहा है।गोलपोस्ट पर गोवा से अधिक शाट्स केवल कोलकाता और दिल्ली ने लगाए हैं। अब गोवा के सामने सात चुनौतियां हैं और उसे सेमीफाइनल में पहुंचने के लिए कम से कम पांच चुनौतियों में जीत हासिल करनी है। एसे में उसके स्ट्राइकरों को न सिर्फ लगातार हमले करने होंगे बल्कि उन्हें सफलतापूर्वक गोल में भी बदलना होगा।