एक रेलयात्री ने चेताया था, अधिकारियों ने अनसुना किया

इंदौर । उत्तरप्रदेश में कानपुर के पुखराया स्टेशन के पास इंदौर-पटना एक्सप्रेस के दुर्घटनाग्रस्त होने से पहले एक यात्री ने अधिकारियों को ट्रेन के पहियों में गड़बड़ी होने की आशंका जताई थी, लेकिन उसकी बात को टाल दिया गया। अगर उसी समय जांच कर ली जाती तो शायद इतनी बड़ी घटना को रोका जा सकता था। जानकारी के मुताबिक प्रदेश के मंदसौर जिले के सीतामऊ निवासी प्रकाश शर्मा इंदौर-पटना एक्सप्रेस से नियमित सफर करते हैं। शनिवार को भी वे इंदौर से इस ट्रेन से रवाना हुए और उज्जैन तक उन्होंने सफर किया। इस दौरान उन्हें पहियों से कुछ अलग आवाज आने का अहसास हुआ। यह बात उन्होंने बोगी में मौजूद टीसी और अन्य अधिकारियों को बताई, लेकिन उन्होंने उस यात्री की बात को अनसुना कर दिया। प्रकाश शर्मा तो उज्जैन स्टेशन पर उतर गए, लेकिन अगर उनकी बात को गंभीरता से लिया जाता और पहियों की जांच कर ली जाती, तो शायद इतना बड़ा हादसा नहीं होता।

घायलों की जुबानी झांसी स्टेशन पर ट्रेन में आई थी खराबी

कानपुर । रेलवे के अधिकारी भले ही अभी इंदौर पटना एक्सप्रेस के हादसे पर आन रिकार्ड कुछ बोलने को तैयार न हो, लेकिन घायलों के मुताबिक झांसी स्टेशन पर ट्रेन में खराबी आई थी। जिसकी जानकारी लोको पायलट ने रेलवे अधिकारियों को दी थी। कानपुर देहात के पुखरायां के पास दुर्घटना ग्रस्त हुई इंदौर राजेन्द्र नगर पटना एक्सप्रेस के कारणों का अभी तक पता नहीं चल सका। कोई भी रेलवे अधिकारी इस पर कुछ बोलने को तैयार नहीं है। लेकिन घायलों की अगर माने तो इसका अंदेशा झांसी स्टेशन पर ही हो गया था। पटना की रहने वाली फूला देवी ने बताया कि झांसी स्टेशन पर ज्यों ही गाड़ी आगे बढ़ी तो जोर का झटका लगा फिर एकाएक खड़ी हो गई। लोको पायलट ने उतरकर लगभग 20 मिनट तक झटके की जांच करता रहा और अधिकारियों को भी सूचना दी। लेकिन मौके पर कोई भी अधिकारी नहीं पंहुचा। जितेन्द्र सिंह ने बताया कि गाड़ी रास्ते में भी कई बार झटका दिया था तभी यात्री आशंका जाहिर करने लगे और पुखरायां के पास दलेलपुर गांव में गाड़ी दुर्घटना ग्रस्त हो गई। घायलों की माने तो अधिकारियों की लापरवाही से सैकड़ों लोगों को जान गवाना पड़ा।