वनाग्नि दुर्घटनाओं को रोकने के लिए सामूहिक प्रयास करने होंगे: डीएम

अल्मोड़ा । वनों में वनाग्नि दुर्घटनाओं से प्रति वर्ष बहुमूल्य राष्ट्रीय सम्पदा की अपूर्णनीय क्षति होती है इसको रोकने के लिये हमें सामूहिक प्रयास करने होंगे। यह बात जिलाधिकारी सविन बंसल ने आज एस0एस0 जे0 परिसर में जिला स्तरीय वन पंचायत वनाग्नि सुरक्षा गोष्ठी के दौरान उपस्थित जनपद के सभी सरपंचों एवं वन विभाग के अधिकारियों को कही। उन्होंने कहा कि वनों को वनाग्नि से रोकने के लिये यद्यापि वन विभाग द्वारा प्रभागीय स्तर पर वन प्रबन्धन अग्नि योजना का प्रभावी ढ़ग से तैयारी की जाती है फिर भी अगर ग्राम स्तर पर प्रत्येक व्यक्ति वनाग्नि के प्रति जागरूक हो तो इसे रोका जा सकता है। अकेले वन विभाग  ही वनाग्नि से निपटने में अस्मर्थ है।

जिलाधिकारी ने गोष्ठी को सम्बोधित करते हुये कहा कि वनाग्नि से रोकथाम के लिये एन0सी0सी0/एन0डी0आर0एफ0, महिला मंगल दल, युवक मंगल दल, वन पंचायत और स्वयंसेवी संस्थाओं को आगे आकर इसके नियंत्रण में भागीदारी करनी होगी। उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन द्वारा विभाग के हर सम्भव मद््द दी जायेगी जो कि इसके प्रभावी नियंत्रण में सहयोग प्रदान करेंगी। उन्होंने कहा कि जंगलों में आग लगने के प्रमुख कारणों में नई घास के लिये सूखी घास को जलाना, जंगलों में आने-जाने वाले लोगों द्वारा जली बीडी सिगरेट को पफैकना, लकडी तस्करों द्वारा पेड़ की जड़ों पर आग लगाकर पेड़ गिरना और बिखरी पत्तियों को जलाना है। इसके लिये प्रत्येक ग्राम पंचायत स्तर पर जागरूकता अभियान चलाकर ग्रामीणों को जागरूक किया जाय ताकि वनाग्नि को रोका जा सके।

गोष्ठी में उपस्थित वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक दलीप सिंह कुवॅर ने कहा कि वनाग्नि के दौरान सूचनाओं के अदान-प्रदान के लिये पुलिस विभाग के सूचना तंत्र को उपयोग किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि जिन लोगों द्वारा भी आग इत्यादि की घटनाओं को अजाम दिया जाता है उसके विरूद्ध आवश्यक कार्यवाही की जायेगी। प्रभागीय वनाधिकारी एस0आर0 प्रजापति ने उपस्थित लोगों से कहा कि वनाग्नि घटनाओं को केवल वन विभाग का उत्तरदायित्व न समझा जाय अपुति वन राज्य सम्पति होने के कारण वनों की सुरक्षा सभी विभागों/नागरिकों का उत्तरदाायित्व है। उन्होंने कहा कि किसी भी वनाग्नि की आपातकालीन घटना पर 05962-230065 पर शिकायत की जा सकती हैं। उन्होंने अनेकों ग्राम पचंायतों एवं वन पंचायतों के द्वारा वनाग्नि सुरक्षा में सराहनीय कार्य किये जाने पर उनका अभार जताया और अन्य पंचायतों को भी इस ओर कार्य करने की अपील की।

गोष्ठी में मुख्य विकास अधिकारी जे0एस0 नागन्याल, प्रभागीय वनाधिकारी भूमि एवं वन संरक्षण रानीखेत विजेन्द्र सिंह, प्रभागीय वनाधिकारी सिविल सोयम अल्मोड़ा आर0सी0 शर्मा, उपजिलाधिकारी सदर विवेक राय, प्रवक्ता वन पंचायत विकास समिति भोपाल सिंह भण्डारी, जिला अध्यक्ष पी0सी0 जोशी, उपाध्यक्ष कमला कैड़ा, ब्लाक अध्यक्ष हवालबाग मंयक पंत आदि ने वनाग्नि से रोकथाम के बारे में अपने-अपने विचार रखे और उपस्थित लोगों से इसकी रोकथाम हेतु अपना सहयोग देने का आवर् किया। इस गोष्ठी में मुख्य चिकित्साधिकारी डा0 आर0सी0 पंत, अधिशासी अभियन्ता प्रान्तीय खण्ड सुनील कुमार गर्ग, निर्माण खण्ड, तहसीलदार पी0डी0 सनवाल, जिला आपदा प्रबन्धन अधिकारी राकेश जोशी, दीपक तिवारी सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी, वन पंचायतों के सरपंच और वन विभाग के अधिकारी कर्मचारी उपस्थित थे।