एक शायर और उसकी बीवी सरेराह ‘‘झगड़’’ रहे थे कि एक ‘‘सिपाही’’ उन्हे पकड़ कर थाने में ले गया। ‘‘थानेदार’’ ने लड़ाई की वजह पूछी तो शायर की
बीवी ने कहाः थानेदार साहब! इसने मेरा हाथ मरोड़ा।
शायर ने जल्दी से कहा: इसने भी मेरा ‘‘नाक’’ तोड़ा।
बीवी: झूठ बकता है ‘‘नगोड़ा’’।
शायर: देखो साबह! औरत है या ‘‘बन्दुक’’ का ‘‘तोड़ा’’।
बीवी: साहब जी यह आदमी है या कोई ‘‘घोड़ा’’।
शायर: हाय मेरा नसीब जिसने ये ‘‘जोड़ जोड़ा’’।
‘‘थानेदार’’ तंग आकर बोला: जाओ बाबा ! मैंने तूम दोनो को ‘‘छोड़ा’’।