जानिए कैसे हुआ नॉवेल्स का जन्म जिन्हें पढ़ती है सारी दुनिया

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जानिए कैसे हुआ नॉवेल्स का जन्म जिन्हें पढ़ती है सारी दुनिया Hindi Novel

उपन्यास (Novel) साहित्य के आधुनिक विद्या है। जिस का आविष्कार छापेखाने के बाद हुआ छपाई की तकनीक के आविष्कार का श्रेय यूरोप के योहान गुटेनबर्ग जाता है, जिसने 1456 के दशक में छपाई के अविष्कार को संभव कर दिखाया। उपन्यास की छपाई ने पाठकों को नया संसार और मानव जीवन की विविधता का बोध कराया। प्रिंटिंग प्रेस पहले-पहल 16वीं सदी में भारत में गोवा में पुर्तगाली- धर्मप्रचारकों के साथ आया। 1674 ईस्वी तक कोकणी और कन्नड़ भाषाओं में लगभग 50 पुस्तकें छप चुकी थी।

18 वीं शताब्दी में व्यापार के माध्यम से मध्यम वर्ग अधिक धनी हो गए, परिणाम स्वरुप महिलाओं को भी उपन्यास पढ़ने का मौका मिला। 19वीं शताब्दी में यूरोप में औद्योगिकीकरण के कारण फैक्ट्रियां लगी, लेकिन मजदूरों से काम अधिक और कम मजदूरी मिलती थी, जिसके बारे में चार्ल्स डिकेंस ने “हार्ड टाइम्स” में  मजदूरों की दुर्दशा और शोषण को प्रस्तुत किया।

किस प्रकार का आदर्श पुरुष पेश किया गया जो ताकतवर, दृढ़ , स्वस्थ और साहसी था। उस प्रकार की किताबों में आर एल स्टीवेंशन की ट्रेजर, आयरलैंड का  और रुद्री आई किपलिंग दी जंगल बुक 18 94  में बहुत प्रसिद्ध हुई, जिसे आज बच्चे मोगली के कार्टून के रूप में देखते हैं। किशोरियों की लिखी प्रेम कहानियां अमेरिका में बहुत लोकप्रिय हुई। हेलेन हंट कृत रोमाना 1884 और सूजन कूलिज के नाम की सीरीज काफी प्रसिद्ध हुई।

भारत में उपन्यास की शुरुआत

17वी सदी में बाणभट्ट द्वारा संस्कृत में रचित कादंबरी प्रमुख है। पंचतंत्र भी एक प्रसिद्ध उदाहरण है। लेकिन यह कृतियां आज के उपन्यासों से विनती भारत में आधुनिक उपन्यास का विकास 19वीं सदी में हुआ था। भारतीय भाषाओं में छपाई और पाठक वर्ग के विकास से इसमें काफी मदद मिली। मराठी का पहला उपन्यास बाबा पद्यणजी का यमुना पर्यटन 1857 था। उसके बाद हाल में कृत मुक्त माला 1861 में आया।



आधुनिक भारत में भारतेंदु हरिश्चंद्र , मुंशी प्रेमचंद्र, बंकिम चटर्जी प्रमुख नामों में से एक है। रजनीकांत बारदोली में, असम में मनोमति के नाम से प्रमुख उपन्यास लिखा। सभी का उद्देश्य समाज में व्याप्त कुरीतियां, महिलाओं की बुरी दशा, नशा, अंग्रेजों द्वारा शोषण को मुख्य विषय बनाया।

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