शारीर के साथ मन को स्वस्थ रखना जरूरी

Healthy mind
शारीर के साथ मन को स्वस्थ रखना जरुरी Healthy mind

Healthy mind व्यायाम के बिना शरीर पुष्ट नहीं होता है, ठीक उसी तरह मन के कार्यों को उचित तरह से संपन्न करने के लिए कुछ ना कुछ मानसिक व्यायाम भी आवश्यक है। जिस मनुष्य में मानव शरीर की शक्ति हो और उसके मन का स्वरूप विकसित ना हो तो उसे पूर्ण मनुष्य नहीं कहा जा सकता। क्या आपके मन में नकारात्मक विचार उत्पन्न होते हैं? ऐसे विचारों को दूर करने के लिए अंतःकरण शुद्ध करें।

मन का एक दोष उसका अत्यधिक चंचल होना है। रंग बिरंगी तितली की भांति उसका एक फूल से दूसरे फूल तक मंडराना गलत है। कोई तत्व विशेष विचार या भावना को ले लीजिए वह विचार या भावना भले ही शुष्क क्यों ना हो उस पर मन की समग्र वृत्तियों को एकाग्र कर दें। मन कुछ समय उपरांत भागेगा आप स्वयं द्वारा उसे बांधे रहिए। विचलित ना हो इस प्रक्रिया को विभिन्न पहलुओं विचारों और भावनाओं के संदर्भ में लागू करने पर मन में स्थिरता वह दृढ़ता आती है।

मनन ही मन का सर्वश्रेष्ठ व्यायाम

मनन ही मन का सर्वश्रेष्ठ व्यायाम है। आप जिस बात को ले उसी में कुछ समय के लिए जुटे रहें आप सारे दिन किस प्रकार के विचार का चिंतन करते हैं। किन किन विभिन्न वृत्तियों व भावनाओं में दिन गुजारते हैं अपने मन के दृष्टा बनकर पूर्व परीक्षा करें।




इसमें महत्वपूर्ण बात यह है कि मन में शुभ विचारों के उत्पन्न होने पर द्वेष,  घृणा, ईर्ष्या आदि नकारात्मक विचार उत्पन्न ही नहीं होते हैं। जो मनुष्य अपने मन में नकारात्मक विचारों को स्थान देता है उसके व्यक्तित्व में भी नकारात्मक बातों का समावेश हो जाता है। मन को निरोग बनाने के लिए ईश्वर पर आस्था रखें और सकारात्मक विचारों को मन में स्थान दें। इस बात को महसूस करें कि आपके मन का प्रत्येक अणु ईश्वरीय तत्व से अनुप्राणित है।

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