तलाक का दुख झेलने के लिए कब्रिस्तान में ध्यान

China
लियो तायजयाई के अनुसार तलाक का दुख मौत की याद दिलाता है और अब वह मरने के ध्यान करवाकर तलाकशुदा महिलाओं का ग़म दूर करने में मदद दे रही हैं। तस्वीरें शिष्टाचार नेट एसएमई वेबसाइट

बीजिंगः दुनिया के ज्यादातर देशों की तरह चीनी महिलाओं को भी तलाक के बाद गंभीर मानसिक और मनोवैज्ञानिक सदमे का शिकार हो जाती हैं। अब महिलाओं के एक समूह दुख की इस घड़ी को झेलने के लिये कुछ समय कब्रिस्तान में लेटकर ध्यान करती है जिससे उसे कुछ समय के लिए मानसिक शांति मिल सके।

पहले इस विधि को एक 30 वर्षीय महिला लियो तायजयाई ने शुरू किया और अब वह अन्य महिलाओं की इसी तरह मदद कर रही हैं। लियो 19 साल की उम्र में वैवाहिक रिश्ते से जुड़ी हुई थी और दो साल बाद एक बच्चे को जन्म दिया था। फिर 2015 में उनका तलाक हो गया और वह इतना प्रभावित हुईं कि अपना कोई व्यवसाय शुरू करने से भी असमर्थ थीं। इसके बाद उन्होंने कब्रिस्तान में जाकर ध्यान किया तो उनकी स्थिति कुछ संभली और अब वे ऐसी ही महिलाओं की मदद शुरू कर दी है जो अपने अतीत से छुटकारा प्राप्त करना चाहते हैं।

लियू ने कहा ’मैं समझ सकती हूँ कि तलाक के बाद जीवन कितना कठिन हो जाता है और मैं इस जुदाई के बाद आत्महत्या का फैसला कर लिया था। इस सदमे में हर दिन खुद को मौत के करीब महसूस करती है और मैंने कब्र में लेटकर मौत को समझा। अब मैं अपने छात्रों को भी यह सबक देती हूँ ताकि वे अतीत भुला कर नया जीवन शुरू कर सकें। ’

तलाकशुदा महिलाओं की नई तस्वीरें लियो के साथ कई महिलाओं को कब्र नुमा गढ़ों में प्लास्टिक शीट के ऊपर लेटा देखा जा सकता है और वह आंखें बंद करके अपने हाथ छाती पर बांधे हुए हैं। इस स्थिति में महिलाओं कुछ समय तक बिताती हैं और अपने कड़वे अनुभवों को भूलने की कोशिश करती हैं। हालांकि यह मालूम न हो सका कि ध्यान कितनी देर रहता है लेकिन महिलाओं ने कहा है कि वह नया जीवन शुरू कर सकती हैं।

लियो कुछ महीने बाद कब्रिस्तान में तलाकशुदा महिलाओं को ले जाती हैं और मुक्त कब्रिस्तान ध्यान करवाती हैं। गौरतलब है कि चीन में मौत की कल्पना करने की प्रक्रिया बहुत आम है। इस से निराश लोगों ने शांति प्राप्त करने का दावा किया है।