मोटर का वाल्ब खराब कालाढूंगी में पेयजल का हाहाकार

कालाढूंगी । गर्मी के चलते क्षेत्र में लगे नलकूप की मोटर का वाल्ब खराब होने के कारण वार्डो में पेयजल की भारी किल्लत हो रही है। विभाग द्वारा एक हफ्ते बाद भी ग्रामीणों के लिए पेयजल का कोई उचित प्रबंध नहीं कर पाया है। अब लोगों को अंग्रेजों द्वारा बनाई गई नहरों का ही सहारा लेना पड़ रहा है। ब्रिटिश काल में कमिश्नर रहे हेनरी रैमजे ने सन् 1860 में बौर नदी के पानी को एकत्र कर आठ किमी नहर का निर्माण कर ग्रामीण इलाकों तक पानी पहुंचाया। लगभग छह वर्ष पूर्व कालाढूंगी क्षेत्र में नलकूप लग जाने से इन नहरों के प्रति लोगों का नजरिया भी बदल गया। ये नहरें आज अतिक्रमण की चपेट में हैं। कुछ लोगों ने अपने घरों का गंदा पानी तक इन नहरों में छोड़ा है जिस कारण पानी प्रदूषित हो चुका हैं।

परंतु जब भी कालाढूंगी क्षेत्र में पेयजल की समस्या आती हैं तो यहां के निवासियों को नहरों का सहारा ही लेना पड़ता है। मोटर वाल खराब होने के बाद या कभी भी मोटर फुंक जाती है तो लोग यह कहते सुने जा सकते हैं कि इससे तो अंग्रेज ही अच्छे थे। ऐसे गर्मी के मौसम में दिनों दिन पेयजल किल्लत बढ़ती जा रही है। लोगों के लिए मात्र एक पानी ही जीवन का सहारा बना है लेकिन नगर के कई वार्डों में पानी के लिए ही हाहाकार मचा है।

लोग पानी की बूंद बूंद तरस रहे हैं। इस विषम परिस्थिति पर काबू पाने के लिए जल संस्थान ने पानी की सप्लाई की कोई व्यवस्था नहीं की है। पानी न मिलने से लोगों की दिनचर्या बिगड़ गई है। पानी के इंतजाम में परिवार का प्रत्येक सदस्य सुबह से परेशान हो रहा है और कई किमी पैदल चलकर सिंचाई नहरों का गंदा पानी लाकर पीने को मजबूर है। ऐसे मे भी जलसंस्थान ने पीने के पानी की कोई माकूल व्यवस्था नहीं की जा रही पेयजल संकट नगर के सबसे ज्यादा वार्ड नं तीन, चार व पांच मे बना हुआ है। वार्डवासियों का कहना है की विभाग की लापरवाही के चलते पाइप लाइन खराब जाये तो कभी मोटर का वाल्ब खराब हो जाने से पूरे नगर में पेयजल किल्लत बनी हुई है।

हर तीसरे दिन विभाग की इन वड़ी समस्याओं से पानी की मोटर का खराब होने का आज तक कोई प्रयास नहीं किया। नगर के लोगों का कहना है इस भंयकर गर्मी में पानी के न आने और विभाग की इतनी बड़ी लापरवाही से पूरे महीने भर में मात्र 10 दिन पानी आया है। वहीं नगर क्षेत्र के लोगे ने जलसंस्थान कालाढूंगी के अभियंता को हटाए जाने की मांग की है लोगों ने अरोप लगाया है कि जेई को अपने क्षेत्र मे आने की फुर्सत नहीं है और जनता की हमेशा एक यही शिकायत रहती है कि जेई कभी किसी वार्ड में लोगों की समस्या देखने तक नहीं पहुंचते है और न ही फोन उठना मुनासिब समझते है।