छह माह के लिये खुले तृतीय केदार तुंगनाथ के कपाट

Bhagwan Tungnath Temple
भगवान तुंगनाथ की डोली।
छह माह के लिये खुले तृतीय केदार तुंगनाथ के कपाट Bhagwan Tungnath Temple

कपाट खुलने के अवसर पर हजारों तीर्थ यात्रियों ने किये दर्शन

रुद्रप्रयाग। पंचकेदारों में तृतीय केदार के नाम से विख्यात व रावण शिला के ऊपरी हिस्से में विराजमान भगवान तुंगनाथ ( Bhagwan Tungnath Temple ) के कपाट  बुधवार को प्रातः साढ़े दस बजे पौराणिक परम्पराओं व विधि विधान से श्रद्वालुओं के दर्शनार्थ खोल दियें गये हैं। कपाटोदघाटन के पावन अवसर पर हजारों श्रद्वालुओं ने भगवान तुंगनाथ के स्वयंभू लिंग की पूजा-अर्चना कर धर्म की गंगा में डुबकी लगाई। तुंगनाथ धाम के कपाट खुलते ही धाम में विगत 6 माह से पसरा सन्नाटा टूट गया है।

तुंगनाथ यात्रा के आधार शिविर चोपता में ब्रह्नमबेला पर विद्वान आचार्यों व हक-हकूधारियों ने भगवान तुंगनाथ की चल विग्रह उत्सव डोली व साथ चल रहे देवी देवताओं के निशाणों की पंचाग पूजन के तहत अनेक पूजायें समपन्न करने के बाद आरती उतारी। सुबह से ही चोपता में भगवान तुंगनाथ की डोली के दर्शन करने वालो का तांता लगा रहा। ठीक 8 बजे भगवान तुंगनाथ की चल विग्रह उत्सव डोली अपने धाम के लिये रवाना हुई तथा चोपता मुख्य बाजार में व्यापारियों को आशीष देते हुये सुरम्य मखमली बुग्यालों की ओर अग्रसर हुयी। महिलाओं ने पौराणिक जागरों, श्रद्वालुओं ने जयकारों व स्थानीय वाध्य यत्रों की मधुर धुनों से भगवान तुंगनाथ की चल विग्रह उत्सव डोली की अगवाई की गयी।

भगवान तुंगनाथ की चल विग्रह उत्सव डोली सुरम्य मखमली बुग्यालों में नृत्य करते हुये व यात्रा पडावों पर श्रद्वालुओं को आशीष देते हुये दस बजकर 20 मिनट पर अपने धाम पहुंची। डोली के धाम पहुंचते ही सम्पूर्ण तुंगनाथ धाम भगवान तुंगनाथ के जयकारों से गुंजायमान हो उठा। भगवान तुंगनाथ की चल विग्रह उत्सव डोली व साथ चल रहे देवी देवताओ के निशाणों ने भगवान तुंगनाथ के मन्दिर व सहायक मन्दिरों की तीन परिक्रमा करने के बाद ठीक साढ़े दस बजे भगवान तुंगनाथ के कपाट श्रद्वालुओं के दर्शनार्थ खोल दिये गये।

श्रद्वालुओं ने Bhagwan Tungnath के दर पर मत्था टेककर पुण्य अर्जित किया

कपाट खुलने के बाद परम्परानुसार मठाधिपति राम प्रसाद मैठाणी ने भगवान तुंगनाथ के स्वयंभू लिंग का अभिषेक, जलाभिषेक, रूद्राभिषेक कर आरती उतारी तथा उसके बाद कई सैकडों श्रद्वालुओं ने भगवान तुंगनाथ के दर पर मत्था टेककर पुण्य अर्जित किया। ( Bhagwan Tungnath Temple ) कपाट खुलने के बाद श्रद्वालुओं को कपाट बन्द होेते समय भगवान तुंगनाथ के स्वयंभू लिंग को 6 माह पूर्व समाधि दी गयी ब्रह्नमकमल, भृगराज, चन्दन व भस्म को प्रसाद स्वरूप वितरित किया गया।




इस मौके पर केदारनाथ विधायक मनोज रावत, जिला पंचायत अध्यक्ष सुश्री लक्ष्मी राणा, जिला पंचायत सदस्य मीना पुण्डीर, शिव सिंह रावत, बचन सिंह रावत, प्रबन्धक प्रकाश पुरोहित, प्रधान पुजारी राजशेखर लिंग, पूर्व प्रमुख विनोद चन्द्र, अनिल जिरवाण, विक्रम सिंह रावत, देवानन्द गैरोला, खुशहाल सिंह नेगी, प्रमोद नेगी, रविन्द्र भट्ट, बलवन्त सिंह रावत, जगमोहन पंवार, बुद्वि बल्लभ सेमवाल, गौरव कठेत, विनोद रावत, विनोद बिष्ट, जसमती राणा, संन्दीप झिंक्वाण, दिपिका असवाल, कर्मबीर बत्र्वाल, मानवेन्द्र लिंगवाल, नरेन्द्र रावत, अनिल कुवर, मगनानंद भट्ट व हजारों श्रद्धालु मौजूद थे।

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