जानिए राशियों के अनुसार कैसे करें भगवान रुद्र का अभिषेक

pt. lokesh shastri
रुड़की। जिस प्रकार ग्रह और नक्षत्रों के आधार पर शुभ और अशुभ मुहूर्त अथवा लग्न का महत्व होता है, ठीक उसी प्रकार राशियों के अनुसार भी भगवान का अभिषेक करना अति फलदायक होता है। जिस मनोकामना को मन में धारण कर मनुष्य महादेव का अभिषेक करता है धारणा है कि उसके सभी मनोरथ रुद्र की कृपा से पूर्ण हो जाते हैं। इस सम्बंध में श्री कृष्ण वैदिक ज्योतिष परामर्श केंद्र एवं भागवत ज्ञानयज्ञ उद्गम ट्रस्ट विनायक कुंज के संस्थापक पंडित लोकेश शास्त्री ने बताया है कि साल में 3 रात्रि का विशेष महत्व माना गया है। जिनमें कालरात्रि महारात्रि और मोहरात्रि हैं। कालरात्रि जो शरद नवरात्रि की सप्तमी के दिन को कहा जाता है। महारात्रि जो फाल्गुन महीने महाशिवरात्रि के रुप में मनाई जाती है और मोहरात्रि दीपावली के पावन पर्व पर जिस में महालक्ष्मी का पूजन कर मनाई जाती है। उन्होंने बताया कि इस शिवरात्रि पर बड़े ही दुर्लभ और विशेष योग बन रहे हैं। श्रावण मास में कृष्ण चतुर्दशी के दिन शिवरात्रि का विशेष पावन पर्व है। जोकि अब की बार दिव्य योग लेकर आया है। उन्होंने बताया कि 21 जुलाई को रात्रि 9ः50 से चतुर्दशी प्रारंभ होगी 22 तारीख को 6ः27 तक रहेगी इसमें माता पार्वती और शंकर का बास धरती पर होगा जगत जगत के कल्याणार्थ के लिए भगवान शंकर उस दिन पृथ्वी पर निवास करेंगे गन्ने के जलाभिषेक माखन और मिश्री का जलाभिषेक पार्थिव लिंग की पूजा कालसर्पदोष बाधा को दूर करने के लिए और चार पैर की पूजा का विशेष महत्व है।

ऐसे करें राशि अनुसार शिव का अभिषेकः
पंडित लोकेश शास्त्री ने राशियों के अनुरुप भगवान भोलेनाथ का अभिषेक करने के बारे में जानारकी देते हुए कहा कि :

मेष
मेष राशि के स्वामी मंगल हैं। इनके लिये लाल रंग शुभ माना जाता है। मान्यता है कि लाल चंदन व लाल रंग के पुष्प यदि सावन में मेष राशि के जातक भगवान भोलेनाथ को अर्पित करें तो यह बहुत ही पुण्य फलदायी रहता है। यदि पूजा के समय नागेश्वराय नमरू मंत्र का जाप भी किया जाये तो भगवान शिवशंकर आपके मन की मुराद जल्द पूरी करते हैं।

वृषभ
वृषभ तो भगवान शिव के वाहन भी हैं। आपके राशि स्वामी शुक्र माने जाते हैं। सफेद रंग आपके लिये शुभ माना जाता है। वृषभ जातकों को भगवान शिव की पूजा चमेली के फूलों से करनी चाहिये। साथ ही अपने कष्टों के निवारण व अपेक्षित लाभ प्राप्ति के लिये शिव रुद्राष्टक का पाठ भी करना चाहिये।

मिथुन
मिथुन राशि के स्वामी बुध माने जाते हैं। मिथुन जातक भगवान शिव को धतूरा, भांग अर्पित कर सकते हैं। साथ ही पंचाक्षरी मंत्र ऊँ नमः शिवाय का जाप करना भी आपके लिये लाभकारी रहेगा।

कर्क
कर्क राशि के स्वामी चंद्रमा हैं जिन्हें भगवान शिव ने अपनी जटाओं में धारण कर रखा है। कर्क जातकों को शिवलिंग का अभिषेक भांग मिश्रित दूध से करना चाहिये। रूद्रष्टाध्यायी का पाठ आपके कष्टों का हरण करने वाला रह सकता है।

सिंह
सिंह राशि के स्वामी सूर्य हैं। भगवान शिव की आराधना में सिंह जातकों को कनेर के लाल रंग के पुष्प चढ़ाने चाहिये। इसके साथ ही शिवालय में भगवान श्री शिव चालीसा का पाठ भी करना चाहिये। यह आपके लिये अति लाभकारी सिद्ध हो सकती है।

कन्या
कन्या के स्वामी बुध माने जाते हैं। कन्या जातकों को भगवान शिवजी की पूजा में बेलपत्र, धतूरा, भांग आदि सामग्री शिवलिंग पर अर्पित करनी चाहिये। इसके साथ ही पंचाक्षरी मंत्र का जाप आपकी मनोकामनाओं को पूरी कर सकता है।

तुला
तुला राशि के स्वामी शुक्र माने जाते हैं। आपको मिश्री युक्त दूध से शिवलिंग का अभिषेक करना चाहिये। साथ ही शिव के सहस्रनामों का जाप करना भी आपकी राशि के अनुसार शुभ फलदायी माना जाता है।

वृश्चिक
वृश्चिक राशि के स्वामी भौमेय मंगल माने जाते हैं। भोले भंडारी की पूजा आपको गुलाब के फूलों व बिल्वपत्र की जड़ से करनी चाहिये। प्रतिदिन रूद्राष्टक का पाठ करने से आपकी राशि के अनुसार सौभाग्यशाली परिणाम मिलने लगते हैं।

धनु
बृहस्पति को धनु राशि का स्वामी माना जाता है। इन्हें पीला रंग प्रिय होता है। यदि धनु राशि वाले जातकों को सावन माह में प्रातरूकाल उठकर भगवान शिव की पूजा पीले रंग के फूलों से करनी चाहिये। प्रसाद के रूप में खीर का भोग लगाना चाहिये। आपके लिये शिवाष्टक का पाठ कष्टों का नाश करने वाला माना जाता है।

मकर
मकर शनि की राशि मानी जाती है। धतूरा, भांग, अष्टगंध आदि से भगवान शिव की पूजा आपके लिये जीवन में शांति और समृद्धि लाने वाली रहती है। इसके साथ ही आपको पार्वतीनाथाय नम का जाप भी करना चाहिये।

कुंभ
कुंभ राशि के स्वामी भी शनि ही माने जाते हैं। कुंभ जातकों को गन्ने के रस से शिवलिंग का अभिषेक करना चाहिये। साथ ही धन लाभ पाने के लिये शिवाष्टक का पाठ आपको करना चाहिये। जल्द ही अच्छे परिणाम मिल सकते हैं।

मीन
मीन राशि के स्वामी बृहस्पति माने जाते हैं। मीन जातकों को पंचामृत, दही, दूध एवं पीले रंग के फूल शिवलिंग पर अर्पित करने चाहिये। घर में सुख समृद्धि व धनधान्य में वृद्धि के लिये पंचाक्षरी मंत्र ऊँ नमः शिवाय का चंदन की माला से 108 बार जाप करना चाहिये।