पूर्व केंद्रीय मंत्री जयवंती बेन मेहता का निधन

मुंबई । भारतीय जनता पार्टी की वरिष्ठ नेता तथा पूर्व केंद्रीय मंत्री जयबंती बेन मेहता का सोमवार को निधन हो गया। वह 77 वर्ष की थीं और बीमार चल रही थीं। सोमवार शाम ही उनका अंतिम संस्कार दादर स्थित शिवाजी मैदान श्मशान गृह में किया जाएगा। श्रमती जयवंती बेन मेहता का नाम भाजपा की पहली पंक्ति के नेताओं में लिया जता है। उन्होंने भाजपा के सांगठनिक विकास में महत्वपूर्ण योगदान किया। श्री अटलबिहारी वाजपेई के प्रधानमंत्रित्व काल में उन्हें केंद्रीय गृह राज्य मंत्री पद की जिम्मेदारी दी गई थी,जिसे उन्होंने बखूबी निभाया था। उनके अंदर कभी भी किसी के प्रति कलुषित भावना नहीं रहती थी, न ही उन्होंने कभी अपने पराए की राजनीति की। जयवंती बेन मेहता के निधन पर देश भर से शोक संदेश आ रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी,केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी, मुख्यमंत्री देवेंद्र पफडणवीस सहित पक्ष विपक्ष की ओर से जयवंती बेन मेंहता के निधन पर शोक संवेदना व्यक्त की गई है।
राहुल ने कहा, श्जम्मू-कश्मीर और पाकिस्तान से जुड़े मुद्दे पर सरकार एक किनारे से दूसरे किनारे जा रही है। हमारे जवानों को ओआरओपी पर धोखा दिया जा रहा है और पेंशन घटा दी है।श्
बैठक में संगठनात्मक चुनाव और संसद के आगामी शीतकालीन सत्र के लिए रणनीति के साथ ही उत्तर प्रदेश, पंजाब, गोवा, उत्तराखंड और मणिपुर में आगामी विधानसभा चुनाव के लिए पार्टी की तैयारियों पर चर्चा की जा रही है। कार्यकारिणी समिति की बैठक इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि संसद का शीतकालीन सत्र 16 नवंबर से शुरू हो रहा है और कांग्रेस इस बैठक में सत्र के लिए अपनी रणनीति को अंतिम रूप देगी। सूत्रों ने बताया कि बैठक में संगठनात्मक चुनाव और संसद सत्र के लिए एक रणनीति अपनाने के अलावा वर्तमान राजनीतिक स्थिति का जायजा लिया गया।
पार्टी सूत्रों का कहना कि पार्टी अध्यक्ष का कार्यकाल इसलिए बढ़ाया गया क्योंकि सहयोगी दलों के साथ बेहतर संबंध करने की मजबूरी है। सोनिया गांधी ने गठबंधन में दूसरे दलों के नेताओं के साथ अच्छे संबंध रखे, लेकिन राहुल गांधी अब तक दूसरे दलों का विश्वास पाने में सपफल नहीं हो सके हैं। कांग्रेस का तर्क है कि अगले एक साल तक सोनिया गांधी विपक्ष को एकजुट करने का प्रयास कर सकती हैं इसलिए यह पफैसला एक दम सटीक है।
वहीं सूत्रों के अनुसार, उपाध्यक्ष राहुल गांधी अब राज्यों में कांग्रेस संगठन को दोबारा मजबूत करने पर ध्यान देंगे। इसके लिए वह राज्यों का अधिक से अधिक दौरा करेंगे।